आनन्दधारा आध्यात्मिक मंच एवं वार्षिक पत्रिका

सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्द:खभाग्भवेत्

साधु के लिये भिक्षा एक प्रकार की तपस्या है – लाटु महाराज

साधु के लिये भिक्षा एक प्रकार की तपस्या है! जो साधु नारायण की दया मानकर भिक्षा ग्रहण करता है और जो दाता नारायण ज्ञान से भिक्षा देता है, उन दोनों का कल्याण होता है! साधु भगवान के ऊपर निर्भर करना सीखता है ! वही निर्भरता लाने के लिये तो ठाकुर हम लोगों को भिक्षा करने भेजते थे  – लाटु महाराज

लाटु महाराज

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