आनन्दधारा आध्यात्मिक मंच एवं वार्षिक पत्रिका

सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्द:खभाग्भवेत्

Be good for others

साधक अपनी साधनाओं का प्रयोग मानवीय हित में करे ।
आप ऐसा कोई काम न करें जिससे किसी का अहित हो ।
आकाश अनन्त  ऊर्जा का भण्डार है ।
आप अपने प्रयोग में शक्ति यहाँ से ग्रहण करें ।
अबोध बच्चों से कापालिक विधि से शक्ति लेकर  प्रयोग में लाना शास्त्र में वर्जित है ।
ऐसे कार्य ये लोग प्राय: समाज से छिपकर करते हैं व इसमें अपना हित समझते हैं ।
जो ऐसा करते है स्वयं को गिरा रहे हैं ।
ऐसे लोग समाज व संसार के लिए भार के समान हैं ।

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